नई दिल्ली : खाद्य पदार्थों की कीमतों के बढऩे के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई साढ़े पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और इसने आरबीआई की 6 फीसदी की संतोषजनक सीमा को पार कर लिया है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में मुद्रास्फीति आधारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बढ़कर 7.35 फीसदी पहुंच गई जो नवंबर में 5.54 फीसदी और पिछले साल दिसंबर में 2.18 फीसदी थी। यह जुलाई 2014 के बाद इसका उच्चतम स्तर है। सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल के बाद दिसंबर में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 फीसदी पहुंच गई जो नवंबर में 10.01 फीसदी थी। दिसंबर 2018 में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 2.65 फीसदी नीचे थे। शहरों में खाद्य महंगाई 16.12 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में यह 12.9 फीसदी रही।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'जनवरी में मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति में तेज गिरावट की उम्मीद है और फरवरी में यह और नीचे जाएगी। अगली कुछ तिमाहियों में इसे 4.3 फीसदी के ऊपर रहने का अनुमान है।' लहसुन और प्याज की कीमतों में भारी उछाल के कारण दिसंबर में सब्जियों से जुड़ी महंगाई 60.5 फीसदी रही जो नवंबर में 36 फीसदी थी। प्याज की महंगाई की दर दिसंबर में दोगुना बढ़कर 328 फीसदी हो गई जो नवंबर में 128 फीसदी थी। इसी तरह लहसुन की महंगाई दर नवंबर की 144 फीसदी से बढ़कर दिसंबर में 153 फीसदी रही। शहरी क्षेत्र में सब्जियों की मुद्रास्फीति 75 फीसदी पहुंच गई जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 53 फीसदी थी। इस दौरान दालों की महंगाई की दर 15.4 फीसदी रही।
दिसंबर में मुख्य महंगाई मामूली बढ़कर 3.7 फीसदी रही जो नवंबर से 0.2 फीसदी अधिक है। इस तरह सीपीआई महंगाई ने आरबीआई के मुद्रास्फीति लक्ष्य (2 से 6 फीसदी) की ऊपरी सीमा को पार कर लिया है। इससे पहले जुलाई 2016 में ऐसा हुआ था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने अनुमान से ज्यादा महंगाई का हवाला देते हुए पिछले महीने ब्याज दरों को यथावत रखने का फैसला किया था। उससे पहले समिति ब्याज दरों में 135 आधार अंकों की कटौती कर चुकी थी। इस समिति की अगली बैठक 6 फरवरी को होगी।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, 'विकास की गति धीमी पडऩे के कारण आरबीआई का काम और कठिन हो गया है। नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं के बराबर है और खुदरा महंगाई लक्ष्य से अधिक हो गई है। ऐसी स्थिति में सबकी नजरें अगले आम बजट पर टिकी हैं।'
मंत्रालय के मुताबिक 2019-20 में आर्थिक विकास दर के 11 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने की आशंका है। दिसंबर में केंद्रशासित प्रदेशों सहित देश के 22 राज्यों में से 12 में मुद्रास्फीति की दर 7.35 फीसदी से अधिक रही। ओडिशा और तेलंगाना में यह एक बराबर 9.4 फीसदी रही तथा उत्तर प्रदेश में 8.9 फीसदी रही। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आने वाले महीनों में महंगाई में कमी आने का अनुमान है लेकिन उच्च स्तर पर बने रहेगी।